मुझे पता है कि तुम मेरी नहीं हो सकती पर इस बात का एहसास बार बार मत दिलाया
करो
इतना तो खाया भी ना था नमक तेरा,
जितना छिड़का है तूने जख्मों पर !!
ख्वाहिशों का मोहल्ला बड़ा था,
हम जरूरतों की गली से मुड़ गये !!
बातों में जीत के क्या करना है,
जब जज्बात ही हार जाये हम !!
उस शख्स का गम भी कोई सोचे,
जिसे रोता हुआ ना देखा हो किसीने !!
उम्र छोटी है तो क्या जिंदगी का हरेक मंजर देखा है,
फरेबी मुस्कुराहटें देखी है बगल में खंजर देखा है !!
मुझे किसीसे कोई शिकवा नहीं,
गलती मेरी ही थी जो मैंने इतना भरोसा किया !!
तसल्ली के भी नखरे बहुत है,
लाख कोशिशें कर लो मिलती ही नहीं है !!
जिन पत्थरो को हमने दी थी धड़कने,
उनको जुबाँ मिली तो हम पर ही बरस पड़े !!
सब लोगों को अच्छा समझना छोड़ दो,
लोग अंदर से वैसे नहीं होते जैसे बाहर से दिखते है !!
खुद की हालत नहीं पता हमको,
दूसरों से पूछते है कि कैसे हो !!
मतलब ख़तम होने पर हर इंसान को,
रंग बदलते हुए देखा है मैंने !!
बड़ी कमीनी है ये जिन्दगी भी यारों,
तोड़ कर रख देती है उन्हें भी जो कभी ना टूटे हुए हो !!
हम खुद को बरगद बनाकर ज़माने भर को छाँव बाँटते रहे,
मेरे अपने ही हर दिन मुझको थोडा थोडा काटते रहे !!
तलाशी ले ले ए दोस्त तू भी मेरी,
अगर जेबों में मज़बूरी के सिवा कुछ मिले तो ये जिंदगी तेरी !!
जो चेहरे मुस्कुराते हो,
जरुरी नहीं वो खुश ही हो !!
उड़ जायेंगे तस्वीरों से रंगो की तरह हम, वक़्त की टहनी पर हैं परिंदो की तरह हम।
वक़्त को भी हुआ है ज़रूर किसी से इश्क़, जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं।
कोई हम-दम न रहा कोई सहारा न रहा हम किसी के न रहे कोई हमारा न रहा
मुझे भी पता है कि तुम मेरी नहीं हो, इस बात का बार बार एहसास मत दिलाया करों !!
आज कल सब कहते हैं मैं बुझा सा रहता हूँ, अगर जलता रहता तो कब का खाक हो जाता !!
वक़्त ने ज़रा सी करवट क्या ली, गैरो की लाइन में सबसे आगे पाया अपनों को !!
तुमसे जो किया था वो सच्चा प्यार था,
किसी और से अब जो होगा वो समझौता होगा !!
गलतियाँ हम दोनों से हुई,
तुमने मुझे पड़ाव समझा और मैंने तुम्हें मंज़िल !!
मोहब्बत जिसे हो जाये उसे मरने की जरुरत ही नहीं,
जिन्दगी खुद ही अलविदा कह देगी एक दिन !!
जीते जी ही मौत तक का अहसास हुआ,
और वो पूछते हैं मुहब्बत में क्या ख़ास हुआ !!
आँखें तक निचोड़ कर पी गये मेरी,
उफ़ तेरे ये गम भी कितने प्यासे थे !!
रोज करते है क़त्ल हजारों ख्वाहिशों का,
हकीकत में जीना इतना आसान नहीं होता !!
अब तो चंद सांसो का खेल बाकी है,
और फिर आप सब रोने वाले है !!
किसी दिन मजबूत हो गए हम तो टूट जाओगे तुम,
यूँ मेरी कमजोरियों का फायदा न लिया करो !!
ज़िंदगी भर साथ देना था जिन्हें दो क़दम हमराह चल कर रह गए
बात वफ़ाओ की होती, तो कभी न हारते, बात नसीब की थी, कुछ ना कर सके।
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